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Shri Govardhan Maharaj Aarti

Shri Govardhan Maharaj Aarti का सुभारम्भ करेंगे । 

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥

तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।

गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण।

अब Shri Govardhan Maharaj Aarti खत्म हुई।

Bhagwan Vishnu Aarti

pradhanmantri mudra loan yojana 

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