Shree Bhairav Ashtakam
Shree Bhairav Ashtakam का सुभारम्भ करेंगे सकलकलुषहारी धूर्तदुष्टान्तकारी, सुचिरचरितचारी मुण्डमौञ्जीप्रचारी । करकलितकपाली कुण्डली दण्डपाणिः, स भवतु सुखकारी भैरवो भावहारी ॥ १॥ विविधरासविलासविलासितं नववधूरवधूतपराक्रमम् । मदविधूणितगोष्पदगोष्पदं भवपदं सततं सततं स्मरे ॥…
0 Comments
December 24, 2022