Mata Dhumavati Ashtakam

Mata Dhumavati Ashtakam का सुभारम्भ करेंगे। ॐ प्रातर्वा स्यात कुमारी कुसुम-कलिकया जप-मालां जपन्ती। मध्यान्हे प्रौढ-रुपा विकसित-वदना चारु-नेत्रा निशायाम।। सन्ध्यायां ब्रिद्ध-रुपा गलीत-कुच-युगा मुण्ड-मालां वहन्ती। सा देवी देव-देवी त्रिभुवन-जननी चण्डिका पातु युष्मान ।।१।। बद्ध्वा…

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