क्या है DRDO ?
DRDO एक भारतीय संगठन में से एक है। इसका पूरा नाम Defence Research And Development Organization है । हिंदी में इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के नाम से जाना जाता है।Defence Research And Development Organization जो भारत की रक्षा से जुड़े सभी कार्यो को करता है। और भारत के तीनो सेनाओं जैसे थल सेना, जल सेना और वायु सेना के लिए हथियारों और उपकरणों को तैयार करने में मदद करती है। DRDO सेनिको के लिए विशेष प्रकार के हथियार और रक्षा प्रणाली को डिजाइन करता है। DRDO जो है वह भारतीय रक्षा मंत्रालय की रक्षा अनुसंधान के अंतर्गत आता है। और यह सेना के विभिन्न क्षेत्रो में काम करता रहता है। जैसे मिसाइल,हो गई एयरक्राफ्ट वेपन्स, इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट्स, नौसेना सिस्टम,और युद्ध के स्तर पर प्रयोग होने वाले वाहनो को तैयार करना,और एडवांस कम्प्यूटिंग और जीवन विज्ञान जैसी चीजे शामिल है। DRDO को स्थापित करने का एक उद्देश्य था की भारत को विश्व स्तर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्तर पर भारत को आगे लाना है। ताकि भारत देश एक समृद्ध राष्ट्र बन सके।अपनी सेनाो को और अंतराष्ट्रीय तौर पर सुरक्षा प्रदान कर सके।
DRDO की स्थापना कैसे हुई ?
जैसे की आप सभी सब जानते ही है की DRDO के महानिदेशक डॉ. समीर वी. कामत रहे है। Defence Research And Development Organization की स्थापना साल 1958 में हुयी थी।वर्तमान में इसकी हेड ऑफिस दिल्ली में स्थापित की गई है। इसकी स्थापना भारतीय सेना और रक्षा विज्ञान के तकनीकी विभाग को आधुनिक बनाने के लिए किया गया है । जब भारत में DRDO की स्थापना नहीं हुयी थी। तब भारत को 70 प्रतिशत रक्षा के उपकरण बाहर देशो से मांगना पड़ता था। जिस वजह से देश को हथियारों के लिए दूसरे देशो पर आश्रित होना पड़ता था। और इस संगठन को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना को मजबूत बनाना है। चाहे वे जल थल या नभ हो।और तो और उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है। और देश को तकनीकी रूप से मजबूत करना है। शुरूआती दौर में जब DRDO की स्थापना हुई थी। तो उस समय भारत में इसकी केवल 10 संस्थानों की छोटी प्रयोगशालाएं स्थापित की गयी थी। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया इन प्रयोगशालाओं भी बढ़ती गई। आज भारत में DRDO संस्थान की 50 से भी ज्यादा प्रयोगशालाएं है। और इन प्रयोशालाओं को देश के कई हिस्सों में बनाया गया है। और जिनमे 5000 वैज्ञानिक काम भी करते है और 25 हजार अन्य वैज्ञानिक तकनीकी और समर्थन कर्मियों के रूप में काम कर रहे है। इस संस्था में इस समय लगभग 30,000 लोग कार्यरत है। आपको बता दे सरकार हर वर्ष DRDO के संस्थान पर 16 हजार करोड़ रूपये खर्च करती रहती है।
DRDO में जाने का तरीका ?
जो भी DRDO में नौकरी करना चाहते है या जो Defence Research And Development Organization में नौकरी कैसे पाये जानना चाहते हैं, इसके लिए तैयारी कर रहे है।
जो भी साइंटिस्ट बनना चाहते है वे DRDO द्वारा आयोजित भर्ती में आवेदन कर के। आप GATE, SET और CEPTAM के exam में आवेदन करके साइंटिस्ट बन सकते है।
I hope आप को यह जानकारी अच्छी लगी होगी।